साईं बाबा के भक्तो के लिए महागुरु थे जिन्होंने समाज में प्रेम मानवता की नयी रोशनी दी | हिन्दू मुस्लिम सभी इनके भक्त थे | सादा जीवन और उच्च विचार के साथ जीये | मनुष्य प्रेम के साथ साथ जीवो से भी इनका विशेष प्रेम था | खुद को भूखा रखकर दुसरो के पेट भरने में साईं बाबा को विशेष खुशी मिलती थी |
श्री शिर्डी साईं बाबा जन्म स्थान, जन्म दिवस और असली नाम के बारे में भी सही-सही जानकारी नहीं है। लेकिन एक अनुमान के अनुसार इनका जीवन काल 1838 से 1918 के बीच माना जाता है। इन्होने कभी अपने जन्म और अपने परिवार के बारे में कभी किसी से जिक्र नही किया | शिर्डी साईं बाबा साईं नाम उन्हें शिर्डी के ही एक पुजारी ने दिया जिसका मतलब पिता, पूज्य व्यक्ति होता है .वे कभी धर्म की सीमाओं में कभी नहीं बंधे। वे सभी धर्मो के सार पर ही चलते थे . उनके भक्त भी सभी धर्मो से थे . उनके अनुसार कोई भी इंसान अपार धैर्य और सच्ची श्रद्धा की भावना रखकर ही ईश्वर की प्राप्ति कर सकता है।सबका मालिक एक है के उद्घोषक वाक्य से शिरडी के साईं बाबा ने संपूर्ण जगत को सर्वशक्तिमान ईश्वर के स्वरूप का साक्षात्कार कराया ओर आज उनके भकतो के लिये येह देविक फ़किर भगवान कि तरह कि पुजनिय है . साईं बाबा ने ऐसे ऐसे चमत्कार अपने भक्तो को दिखाए जो उन्हें एक साधारण फ़क़ीर से देविक शक्ति की तरह इशारा करते है .बड़े बड़े डॉक्टर जब फ़ैल हो जाते थे तब इनकी साईं धुनी से प्राप्त उड़ी सर्व इलाज़ करती थी
श्री शिर्डी साईं बाबा मंदिर
श्री साईं बाबा जीवनपर्यंत शिर्डी गाँव में रहे और अपने शारीरिक शरीर त्याग अर्थात महासमाधि के बाद उनका मंदिर समाधी मंदिर के नाम से जाना जाता है . शिर्डी समाधी मंदिर में हजारो भक्त बाबा साईं की छवि देखने दर्शन करने रोज आते है . साईं बाबा के समाधी मंदिर की समय तालिका और समाधी मंदिर की आरती समय आप यहा देख सकते है | आज लाखो की संख्या में भक्त इनके दरबार में इनकी छवि देखने और इनका आशीर्वाद लेने दूर दूर से आते है | इसी दरबार में इन्हे आज भी जीवंत समझ कर इनकी सेवा और भक्ति की जाती है | शिर्डी में मुख्य त्यौहार राम नवमी , गुरु पूर्णिमा , होली जैसे भारत के पवित्र त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाये जाते है |
शिर्डी साईं बाबा समाधी मंदिर
शिर्डी साईं बाबा का मंदिर समाधी मंदिर के नाम से जाना जाता है शिर्डी साईं बाबा मंदिर और बाबा की समाधी इसी मंदिर में बाबा साईं की मूरत के सामने है . यह मंदिर मुंबई से २९६ किमी दूर है शिर्डी गाँव राहता तहसील अहमदनगर जिले में है यह कोपर्गावं से १५ किमी दूर है साईं बाबा समाधी मंदिर २०० m2 में फेला हुआ है यह शिर्डी गाँव के बीचो बीच है यह मंदिर दुनिया भर के सभी पावन मंदिरों में से एक है और अपने आप में एक बहूत बड़ा धाम है हर दिन ओसतन २५००० भक्त शिर्डी बाबा के दर्शन करने आते है त्योहारों के दिनों में 1 लाख से ज्यादा भक्त बाबा के धोक खाने और दर्शन करने शिर्डी आते है साईं बाबा ट्रस्ट अपने साईं भक्तओ के लिए रहना खाना ट्रेन बुकिंग प्रसाद सभी की व्यवस्ता करवाता है